दीपावली को रात में पूजन के पश्चात् नौ गोमती चक्र तिजोरी में स्थापित करने से वर्ष भर समृद्धि तथा खुशहाली बनी रहती है।
घर में धन वृद्धि के लिए श्रद्धा व विश्वास के साथ नरक चतुर्दशी के दिन लाल चंदन, लाल गुलाब के पांच फूल और रोली लाल कपड़े में बांधकर पूजा करें, उसके पश्चात् अपनी तिजोरी में रखें। इस दिन ऐसा करने से घर में धन रुकने लगता है।
अगर घर में ऊपरी बाधा या अंशाति रहती हो, तो चुटकी भर हीरा हींग घर की दीवारों से स्पर्श कराकर किसी सुनसान स्थान पर फेंक दें, मुड़कर न देखें। दीपावली के दिन प्रातः उठकर तुलसी के पत्ते की माला बनाकर श्री महालक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें। धन लाभ होगा।
परिवार में सुख-शांति बनी रहे, वैमनस्य न बढ़े इसके लिए दीपावली को एक मिट्टी के पात्र में अंगारे पर लोबान को डालकर उसका धुआं प्रत्येक कमरे में दें। ऐसा करने से परिवार में एकता और प्रेम बढ़ेगा।
नौकरी की ईच्छा रखने वाले जातक को दीपावली की शाम चने की दाल लक्ष्मी पर छिड़क देनी चाहिए। दाल को महालक्ष्मी के पूजन के बाद एकत्रित कर पीपल में विसर्जित कर दें।
धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के प्रवेश द्वार पर 'ऊँ' बना दें।
दीपावली के दिन प्रातःकाल सबसे पहले किसी असहाय अथवा गरीब को नौ किलो गेहूं का दान करें। इसके बाद दीपावली के अगले दिन रंगोली से द्वार सजाएं।
दीपावली के दिन प्रातःकाल गन्ने की जड़ को घर लाकर रात्रि में लक्ष्मी पूजन के साथ इसकी भी पूजा करें, तो आपकी धन सम्पति में वृद्धि होगी।
दीपावली को लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और डमरू बजाना चाहिए। इससे दरिद्रता घर से बाहर जाती है, लक्ष्मी घर में आती है।
दीपावली की रात्रि में थोड़ी साबुत फिटकरी लेकर उसे दुकान में घुमाएं फिर किसी चैराहे पर जाकर उसको उपर दिशा की तरफ फेंक दें, दुकान में ग्राहकी बढ़ेगी तथा धन लाभ होगा।
दीपावली के दिन लाल चमकीले रेशमी रुमाल में हत्था जोड़ी बांधकर अपनी तिजोरी में रखने से धन संचय होने लगेगा।
दीपावली के दिन प्रातःकाल पति-पत्नी विष्णु-लक्ष्मी के मंदिर में जाकर लक्ष्मी जी को पोशाक चढ़ाएं, खूशबूदार गुलाब की अगरबत्ती जलाएं और दान करें तो धन लाभ अवश्य होगा।
एकाक्षी नारियल की दीपावली की रात्रि में लक्ष्मी पूजा के साथ पूजा करें तथा अगले दिन उसे उठाकर तिजोरी अथवा जहां आप रुपये रखते हैं वहां रख दें। ऐसा करने से घर में निरंतर आर्थिक उन्नति होती रहती है।
दीपावली से आरंभ करके प्रत्येक अमावस्या की शाम किसी अपंग भिखारी या विकलांग व्यक्ति को भोजन कराएं, तो सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
दीपावली के दिन पांच अखंडित लौंग तथा कुछ हरिद्रा के दाने घर से दक्षिण दिशा में फेंक दें। बाधाएं समाप्त होंगी।
छोटी दीपावली को प्रातःकाल स्नान करने के बाद सबसे पहले लक्ष्मी विष्णु की प्रतिमा अथवा फोटो को कमलगट्टे की माला तथा पीले पुष्प अर्पित करें। धन लाभ होगा।
दीपावली के पूजन से पहले आप किसी भी गरीब सुहागिन स्त्री को अपनी पत्नी के द्वारा सुहाग अवश्य दिलवाएं। सामग्री में इत्र अवश्य होना चाहिए।
दीपावली के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे संध्याकाल में सरसों के तेल का दीपक जला दें फिर घर वापस आ जायें। पीछे मुड़कर न देखें। यह प्रयोग दीपावली के बाद प्रत्येक शनिवार को नियम से करें। धन लाभ होगा।
भाई दूज के दिन एक मुट्ठी साबुत बासमती चावल बहते हुए पानी में महालक्ष्मी का स्मरण करते हुए छोड़ना चाहिए। इससे धन-धान्य की वृद्धि होगी।
दीपावली की रात्रि में काले तिल परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर सात बार उतार कर घर की पश्चिम दिशा में फेंक दें। ऐसा करने से धन हानि बंद हो जायेगी।
गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां खरीदते समय यह अवश्य देखें कि गणेश जी की सूंड़ गणेश जी की दायीं भुजा की ओर ही मुड़ी हों। खंडित मूर्तियां न खरीदें। पूजन के समय मूर्तियों को पीठिका पर स्थापित करते समय लक्ष्मी जी को सदैव गणेश जी के दाहिनी ओर ही रखें।
दीपावली की रात्रि को भोजपत्र पर लाल चंदन से यह यंत्र बनाकर लक्ष्मी पूजा में रखें। अगले दिन इस यंत्र को व्यापार स्थल अथवा तिजोरी में रख दें। यह काफी लाभदायक सिद्ध होगा।
73 80 2 7 6 3 77 76 79 4 8 1 4 4 75 74 यह व्यापार वृद्धि यंत्र है। इसे दीपावली की रात्रि में लाल चंदन से दुकान पर लिखने से व्यापार बढ़ता है।