Use Earthen Pot-मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें
हजारों सालोंसे हमारे यहाँ मिट्टी के बर्तनों का उपयोग होता आया है। अभी कुछ सालो पहले तक गाँव की शादियों में तो मिट्टी के बर्तन ही उपयोग में आते थे। घरों में दाल पकाने, ढूध गरम करने, दही ज़माने, चावल बनाने और आचार रखने के लिए मिट्टी के बर्तनों का उपयोग होता रहा है। मिट्टी के बर्तन में जो भोजन पकता है उसमे सुक्ष्म पोषक तत्वों (Micronutrients) की कमी नही होती जबकि प्रेशर कुकर व अन्य बर्तनों में पकाने से सुक्ष्म पोषक तत्वों कम हो जाते हैं जिससे हमारे भोजन की पौष्टिकता कम हो जाती है। खाना धीरे धीरे पकाना चाहिए तभी वह पौष्टिक और स्वादिष्ट पकेगा और उसके सुक्ष्म पौषक तत्वों सुरक्षित रहेंगे।
हमारे शारीर को प्रतिदिन 18 प्रकार के सुक्ष्म पौषक तत्त्व चाहिये जो मिट्टी से ही आते है। जैसे आयरन, केल्शियम, फास्फोरस, मैगनेसियम, सल्फ़र, पोटासियम, कॉपर - आदि। मिट्टी के इन्ही गुणों और पवित्रता के कारण हमारे यहाँ पूरी के मंदिरों (उड़ीसा) के अलावा कई मंदिरों में आज भी मिट्टी के बर्तनों में प्रसाद बनता है। अधिक जानकारी के लिए पूरी के मंदिर की रसोई देखे।
अपने आसपास के कुम्हारों से मिट्टी के बर्तन लें व उन्हें बनाने के लिए प्रेरित करें।
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