शिवलिंग पूजा जीवन व मन से सारे कलह मिटाकर हर सुख देने वाली मानी गई है। हर देव पूजा के समान शिवलिंग पूजा में भी श्रद्धा और आस्था की अहमियत है। इसके साथ ही शास्त्रोक्त नियम व संयम के मुताबिक शिवलिंग पूजा जल्द शुभ फल देने वाली मानी गई है। इन नियमों में कुछ विशेष बातों के अलावा एक है शिवलिंग पूजा के समय भक्त के बैठने की दिशा।
शिवलिंग पूजा में सही दिशा में बैठक के साथ ही भक्त को भस्म का त्रिपुण्ड़् लगाना, रुद्राक्ष की माला पहनना और बिल्वपत्र अवश्य चढ़ाना चाहिए। अगर भस्म उपलब्ध न हो तो मिट्टी से भी मस्तक पर त्रिपुण्ड्र लगाने का विधान शास्त्रों में बताया गया है।
सोमवार को शिवलिंग पूजा में ध्यान रखनी चाहिए ये 3 खास बातें
शिवलिंग पूजा में सही दिशा में बैठक के साथ ही भक्त को भस्म का त्रिपुण्ड़् लगाना, रुद्राक्ष की माला पहनना और बिल्वपत्र अवश्य चढ़ाना चाहिए। अगर भस्म उपलब्ध न हो तो मिट्टी से भी मस्तक पर त्रिपुण्ड्र लगाने का विधान शास्त्रों में बताया गया है।
सोमवार को शिवलिंग पूजा में ध्यान रखनी चाहिए ये 3 खास बातें
शिवलिंग पूजा के लिए खासतौर पर शिवपुराण में दक्षिण दिशा का बड़ा महत्व बताया गया है। इस दिशा में बैठकर पूजा फल और इच्छापूर्ति की दृष्टि से श्रेष्ठ मानी जाती है। सरल शब्दों में शिवलिंग के दक्षिण दिशा की ओर बैठकर यानी उत्तर दिशा की ओर मुंह कर पूजा और अभिषेक शीघ्र फल देने वाला माना गया है। इसलिए उज्जैन के दक्षिणामुखी महाकाल और अन्य दक्षिणमुखी शिवलिंग पूजा का बहुत चमत्कारी मानी जाती हैं।
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