फलित ज्योतीष में नवांश कुंडली का बहुत महत्व होता है , इसी के आधार पर जातक का भाग्य नीर्धारीत होता है।
१. जो ग्रह लग्न कुंडली में जीस राशी में हो, यदी उसी राशी में नवांश में भी होतो, ग्रह वर्गोत्तम होता है , यह ग्रह उच्च राशी के ग्रह के सामान फल देता है , यदी नीच राशी में भी होतो, यह फल जातक को उस गर्ह की महादशा या अंतर दशा में मीलते है .
२. दोनों नीच राशी में होतो , फल साधारण शुभ , कीन्तू यदी दोनों उच्च राशी में होतो, सर्वोत्तम शुभ फल मीलेगा .
३ . यदी लग्न की राशी तथा नवांश लग्न की राशी एक ही हो तो , वह लग्न भी वर्गोत्तम होता है , ये जातक जीवन भर अन्यों की अपेशा सुखी रहते है .
४. यदी कोई गृह लग्न कुंडली में उच्च राशी में तथा नवांश कुंडली में नीच राशी में हो तो, वह ग्रह नीच राशी का फल (अशुभ व हानीकारक फल ) देगा .
५. यदी कोई गृह लग्न कुंडली में नीच राशी में है , कीन्तू नवमांश कुंडली में उच्च राशी में है तो , वह जातक को उच्च ग्रह के समान लाभ देगा (शुभ तथा लाभकारी फल मीलेगे )
६. यदी लग्न कुंडली में तीन ग्रह उच्च राशी में हो लेकीन वे ग्रह नवमांश कुंडली में नीच अंशों में होतो, जातक दुखी तथा परेशानीयों से घीरा रहता है .
७ . यदी लग्न कुंडली में ग्रह नीच राशी में हो , कीन्तू नवांश में उच्च अंशो (नवांश ) में हो तो जातक सुखी , सम्पन्न तथा जीवन के सभी भोग भोगने वाला होता है .
१. जो ग्रह लग्न कुंडली में जीस राशी में हो, यदी उसी राशी में नवांश में भी होतो, ग्रह वर्गोत्तम होता है , यह ग्रह उच्च राशी के ग्रह के सामान फल देता है , यदी नीच राशी में भी होतो, यह फल जातक को उस गर्ह की महादशा या अंतर दशा में मीलते है .
२. दोनों नीच राशी में होतो , फल साधारण शुभ , कीन्तू यदी दोनों उच्च राशी में होतो, सर्वोत्तम शुभ फल मीलेगा .
३ . यदी लग्न की राशी तथा नवांश लग्न की राशी एक ही हो तो , वह लग्न भी वर्गोत्तम होता है , ये जातक जीवन भर अन्यों की अपेशा सुखी रहते है .
४. यदी कोई गृह लग्न कुंडली में उच्च राशी में तथा नवांश कुंडली में नीच राशी में हो तो, वह ग्रह नीच राशी का फल (अशुभ व हानीकारक फल ) देगा .
५. यदी कोई गृह लग्न कुंडली में नीच राशी में है , कीन्तू नवमांश कुंडली में उच्च राशी में है तो , वह जातक को उच्च ग्रह के समान लाभ देगा (शुभ तथा लाभकारी फल मीलेगे )
६. यदी लग्न कुंडली में तीन ग्रह उच्च राशी में हो लेकीन वे ग्रह नवमांश कुंडली में नीच अंशों में होतो, जातक दुखी तथा परेशानीयों से घीरा रहता है .
७ . यदी लग्न कुंडली में ग्रह नीच राशी में हो , कीन्तू नवांश में उच्च अंशो (नवांश ) में हो तो जातक सुखी , सम्पन्न तथा जीवन के सभी भोग भोगने वाला होता है .